Shadows Of Love

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मुंबई की शाम हमेशा किसी फिल्म के सेट जैसी लगती थी. ऊँची बिल्डिंग्स की चमकती खिडकियाँ, गाडियों का लगातार शोर, और बीच- बीच में समुद्र की आवाज. उसी समुद्र किनारे खडी थी आयरा मेहता. उसके हाथ में एक छोटी सी डायरी थी, जिसमें वो अपनी अधूरी कहानियाँ लिखती थी. हर पन्ने पर अधूरे ख्वाब, अधूरी बातें और वो सबकुछ जिसे वो कह तो नहीं सकती थी, मगर लिख सकती थी.बारिश की हल्की बूँदें उसके बालों से फिसलकर चेहरे पर गिर रही थीं. वो आंखें मूँदकर उस एहसास को महसूस कर रही थी. तभी एक काली मर्सिडीज उसके पास आकर रुकी.