आत्मा और तुम्हारी उपलब्धियाँ (शिक्षा, धर्म, विज्ञान और समाज के बीच आत्मा का विस्मरण) — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲 प्रस्तावना यह इस संसार का अभिशाप है कि इतने धर्म, इतनी शिक्षा, इतना विज्ञान, इतने शास्त्र रचे गए — पर आत्मा का विकास नहीं हुआ। जब आत्मा पीछे छूट जाती है तो सारी उपलब्धियाँ पराजय बन जाती हैं। तुम्हारी विज्ञान, तुम्हारा धर्म, तुम्हारी राजनीति और समाज तुम्हें जीवन की मिल से काटकर सिर्फ़ दिखावे का संसार थमा गए। और यही आत्मिक रिक्तता तुम्हारे पूरे विकास की सबसे बड़ी चुनौती