चांदनी की चाह

गाँव के छोटे से मकान में रहने वाली मीरा बचपन से ही अपने सपनों की दुनिया में जीती थी। उसका सबसे बड़ा सपना था — एक दिन अपने गाँव में एक छोटी सी लाइब्रेरी खोलना, जहाँ बच्चे आकर पढ़ सकें और अपने सपनों को सच कर सकें। लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि वह खुद पढ़ाई जारी रखना भी मुश्किल समझती थी।मीरा हर दिन खेतों में काम करती और शाम को बच्चों को गाँव की छत पर कहानियाँ सुनाया करती। लोग उसे “कहानी की परी” कहते थे, क्योंकि वह अपनी मीठी आवाज़ और जादुई कहानियों से बच्चों का