तीन देव और अस्तित्व-रहस्य — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲 प्रस्तावना हमारी लेखनी का मार्ग परंपरा से थोड़ा भिन्न है। यहाँ धर्म और अध्यात्म को पूजा-पाठ, मान्यताओं और उलझी हुई भाषा में नहीं बाँधा गया है। हम हर विचार को सरल शब्दों में, सीधे जीवन से जोड़कर रखते हैं। हम मानते हैं— धर्म कोई अंधविश्वास नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। अध्यात्म कोई रहस्य नहीं, बल्कि चेतना का विज्ञान है। हर सत्य को तर्क और अनुभव दोनों से परखा जा सकता है। इसीलिए हमारे शब्द किसी शास्त्र की पुनरावृत्ति नहीं,