पहाड़ों के एक छोटे से गाँव में रोहन अपनी अम्मा के साथ रहता था। गाँव छोटा था, लेकिन अम्मा का प्यार इतना बड़ा था कि रोहन को कभी किसी चीज़ की कमी महसूस नहीं होती थी। सुबह जब सूरज पहाड़ों की चोटी से झाँकता, तो अम्मा हमेशा उससे कहती – “बेटा, ज़िंदगी सूरज की तरह है। अँधेरा चाहे कितना भी गहरा हो, सुबह ज़रूर आती है।” ये शब्द रोहन के दिल में गहराई से उतर जाते।रोहन के पिता उसके बचपन में ही गुजर गए थे। उस दिन के बाद अम्मा ही माँ और पिता दोनों बन गईं। उन्होंने खेतों में