उजाले की ओर –संस्मरण

उजाले की ओर..... संस्मरण ================== स्नेहिल नमस्कार मित्रो     हम अक्सर भविष्य की चिंता में वर्तमान को भूल जाते हैं। हम सोचते हैं जब सब कुछ ठीक हो जाएगा तब हम खुल कर जीएंगे, तब खुशी मनाएंगे, खुद के लिए तब समय निकालेंगे। लेकिन क्या हम कभी सोचते हैं कि सब कुछ सही वाला समय कभी आएगा भी या नहीं?     हमारी अलमारियाँ सुंदर सुंदर कपड़ों से ओवरफ्लो हैं जिनके स्तेमाल के लिए हम लंबी प्रतीक्षा में रत रहते हैं कि किसी खास मौके पर पहनेंगे, वह मौका या तो आता ही नहीं है या उस समय फिर हम