ओ मेरे हमसफर - 30

(प्रिया कुणाल के जुनून और चालों में फँसती जाती है। वह उसे रोकने की कोशिश करती है, मगर कुणाल पूरे सम्मान से रिश्ता पक्का करने घर पहुँच जाता है और परिवार के सामने प्रिया को स्वीकार करने पर मजबूर करता है। वैभव और कुमुद नाराज़ होते हैं, पर रिया प्रिया को समझाती है कि कुणाल का प्यार सच्चा है और उसने हमेशा सम्मान दिया। इसी बीच ललिता और आदित्य घर पहुँचते हैं। कुमुद साफ कहती है कि रिया की शादी आदित्य से नहीं होगी। ललिता प्रिया को बहू मानने को राज़ी होती है, क्योंकि उसे विश्वास है कि प्रिया द्वारा