---आखिरी निशानी (लेखक – विजय शर्मा एरी)---1. प्रस्तावनासर्दियों की एक धुंधली सुबह थी। सूरज की हल्की किरणें गाँव के कच्चे आँगनों पर उतर रही थीं। परंतु उस छोटे से घर में अंधेरा ही अंधेरा पसरा था। वजह थी – एक तस्वीर का गुम हो जाना।यह तस्वीर कोई साधारण तस्वीर नहीं थी, बल्कि उस घर की आत्मा थी। तस्वीर में थे – रामप्रसाद जी। गाँव के आदरणीय शिक्षक, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे थे। उनकी मृत्यु के बाद वही तस्वीर दीवार पर टँगी रहती, मानो परिवार को संबल देती।पर अब तस्वीर गायब थी।---2. तस्वीर का गुम हो जानारामप्रसाद जी की