अधूरी दास्तानकॉलेज का आख़िरी साल हमेशा ही यादों से भरा होता है। हर गली, हर बेंच, हर कॉमन रूम—जैसे किसी ने उनकी दोस्ती की गवाही दी हो। विशाल, नेहा और प्रिया—तीनों की दोस्ती बचपन से ही मजबूत थी। लेकिन कॉलेज के ये साल उनके दिलों में अलग-अलग रंग भर गए थे।नेहा और विशाल का प्यार शायद सभी को पता था। उनकी मुस्कुराहटों में छुपी नज़ाकत, छोटी-छोटी teasing, और आँखों में एक-दूसरे के लिए प्यार—सबके लिए साफ़ दिखाई देता था। वहीं प्रिया, जो तीसरी दोस्त थी, उसका प्यार विशाल के लिए किसी से छुपा हुआ था। वह हमेशा अपने दिल की