शास्त्र, मंदिर और आज का धर्म --- शास्त्र और मंदिर – समर्पण के प्रमाण भारत के इतिहास को देखें तो शास्त्र और मंदिर दोनों ही अत्यंत ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हैं। ऋषि-मुनियों ने शास्त्र रचे, और राजा-महाराजाओं ने धन देकर मंदिर खड़े किए। यह प्रमाण हैं कि – ‘हम नहीं, मैं नहीं, मेरे नहीं – सब उस ईश्वर के हैं।’ मंदिर ईश्वर-समर्पण के महान प्रमाण हैं। मंदिर – केवल संकेत, न कि अनुभव लेकिन आज मंदिरों में पूजा-पाठ और दर्शन का कोई वास्तविक मूल्य नहीं रहा। यह तो केवल संकेत और प्रमाण हैं उस अनुभूति