माँ का आख़िरी ख़त

“माँ का आख़िरी ख़त”मेरे प्यारे बेटे,तेरा यह ख़त माँ तेरे लिए आख़िरी साँसों में लिखा जा रहा है। आँखें थक चुकी हैं, पर दिल में तेरे लिए वही अटूट प्यार है। जब तू मेरा हाथ पकड़कर चलता था, तब मेरी दुनिया पूरी लगती थी। अब मैं जा रही हूँ, पर जाने से पहले तुझसे कुछ बातें बाँटना चाहती हूँ जो मैंने अपनी सादगी भरी जिंदगी में सीखी हैं।सबसे पहले माफ़ कर देना मेरी कमियों को। माँ भी इंसान थी; कई बार थक कर गलतियाँ कर बैठी। पर हर कदम पर मेरा इरादा तुझ्हें सही राह दिखाना था। याद है बचपन