Commerce Wale Dost - 3

(175)
  • 1.4k
  • 591

Part 3शिवि अब अपने घर में नहीं रहना चाहती थी। शायद घर के माहौल से उसका दम घुट रहा था। इसलिए वह दो दिन बाद स्कूल गई।जैसे ही सुबह वह क्लास में दाख़िल हुई, उसने पाया कि शीलू पहले से ही वहाँ थी और बेंच पर बैठकर पढ़ाई कर रही थी।शीलू ने जैसे ही शिवि को देखा, उसकी आँखें भर आईं। उसे भी सर से पता चल गया था कि शिवि के पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे।लेकिन शिवि ने झूठी हिम्मत दिखाते हुए कहा –“शीलू, सर ने जो काम दिया है, वो बता दे, मैं रिवीज़न कर लूँगी।”लेकिन