जीवनोपनिषद - 2

जीवोपनिषद 2   (अध्याय-सूची / 21 अध्याय)   1. प्रस्तावना – गलत प्रश्न नहीं, अधूरे उत्तर हैं     2. दुःख के चार कारण – इच्छा, अज्ञान, प्रेम की कमी, असंतुलन     3. इच्छा का रहस्य – आत्मा की प्यास और मन का भ्रम     4. ज्ञान और अहंकार – ज्ञानी होना भी एक जाल     5. संतुलन की लय – गति और ठहराव का मेल     6. श्वास का उपनिषद – प्रथम ईश्वर और अंतिम सहारा     7. भोजन–पानी–प्राण – शरीर और आत्मा का संयुक्त आहार     8. मन और मैं –