अधूरे सपनों की चादर - 15

अध्याय १५ – नई राहें और नए डर दसवीं की सफलता तनु के जीवन में नई उम्मीद लेकर आई थी।पर सफलता के साथ-साथ नई चुनौतियाँ भी सामने खड़ी थीं।हर लड़की की तरह तनु भी चाहती थी कि वह अच्छे स्कूल में पढ़े,नई किताबें हों, अच्छे कपड़े हों, और भीड़ में आत्मविश्वास से खड़ी हो सके।लेकिन हकीकत हमेशा चाहत से अलग होती है।---सहेलियों का बिछोहदसवीं की परीक्षा के बाद तनु की सारी सहेलियाँ अपने-अपने परिवारों के साथ बेहतर स्कूलों में एडमिशन लेने लगीं।सबका मानना था कि पुराने स्कूल में आगे बढ़ने के मौके बहुत कम हैं।पन्नू, जो तनु की सबसे खास सहेली