ZERO TO BILLIONAIRE - 1

Zero to Billionaire एक छोटे से गाँव में जन्मा आरव नाम का लड़का गरीबी में पला-बढ़ा। घर में इतना पैसा भी नहीं था कि वह अच्छे कपड़े या किताबें खरीद सके। लेकिन उसकी आँखों में हमेशा बड़े सपने थे।बचपन में वह अक्सर कहता—“एक दिन मैं इतना बड़ा इंसान बनूँगा कि मेरी मेहनत और लगन पर लोग विश्वास करना सीखेंगे।” शुरुआती संघर्षस्कूल की फीस भरने के लिए आरव ने अख़बार बाँटे।रात को वह एक चाय की दुकान पर काम करता और वहीं रोशनी के नीचे पढ़ाई करता।लोग उसका मज़ाक उड़ाते:“बड़े सपने देखने से कोई अरबपति नहीं बनता, मेहनत करनी पड़ती है।”लेकिन