अध्याय 1 : बचपन और मिडिल क्लास की सच्चाईअनिल एक छोटे से कस्बे में जन्मा था। उसका परिवार मिडिल क्लास था। पिता जी सरकारी दफ्तर में एक क्लर्क थे और माँ गृहिणी। घर का गुज़ारा मुश्किल से चलता था। महीने की सैलरी से घर के खर्च पूरे करना हमेशा चुनौती बन जाता।अनिल बचपन से ही समझता था कि उसके परिवार की स्थिति दूसरों जैसी नहीं है। स्कूल जाते वक्त वह अपने दोस्तों के नए बैग, चमकते जूतों और रंग-बिरंगी पेंसिल बॉक्स को देखता और मन ही मन सोचता – “काश, मेरे पास भी ये सब होता।”उसके पास वही पुराना बैग