हार के बाद जीतराजस्थान के एक छोटे से गाँव में अर्जुन नाम का युवक रहता था। बचपन से ही उसकी आँखों में बड़ा सपना था—वह देश का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनना चाहता था। गाँव की गलियों में लकड़ी का बल्ला और पुराने टायर से बने बॉल के साथ खेलते हुए वह दिन-रात मेहनत करता।ग़रीबी उसके साथ जन्म से जुड़ी थी। पिता किसान थे, जिनकी खेती पर अक्सर सूखा और बारिश की मार पड़ती। माँ घर का काम करतीं और कभी दूसरों के घर में चूल्हा-चौका भी कर देतीं। कई बार ऐसा होता कि अर्जुन के पास खेलने के लिए