--- “दादी की अंतिम विरासत”️ लेखक – विजय शर्मा एरी---प्रस्तावनागाँव की मिट्टी में एक अलग ही खुशबू होती है। वहाँ के घरों में बुज़ुर्गों का आशीर्वाद, उनके अनुभव और संस्कार नई पीढ़ी के लिए अमूल्य धरोहर होते हैं। यह कहानी ऐसी ही एक दादी की है, जिन्होंने अपने अंतिम सफ़र में भी परिवार को जीवन जीने का असली अर्थ सिखा दिया।---पहला अध्याय – घर का दृश्यगाँव पंजाब की सरहद पर था। घर बड़ा था, जिसमें चार बेटे, उनकी पत्नियाँ और पोते-पोतियाँ रहते थे। आँगन में नीम का पेड़ था, और बरामदे में एक बड़ी सी चारपाई, जिस पर शांता देवी