ओ मेरे हमसफर - 28

(प्रिया, जो रियल एस्टेट में असफल हो रही थी, कुणाल की चालों में उलझ जाती है। कुणाल ट्रेनर बनकर लौटता है और कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों से उसे बाँध लेता है। दोनों के बीच नफ़रत और आकर्षण का टकराव बढ़ता है। एक मीटिंग में अचानक घोषणा होती है कि कंपनी के नए ओनर कुणाल और प्रिया हैं। सबके सामने प्रिया कुणाल की मंगेतर होने की बात स्वीकार कर लेती है। वह अचानक ताक़तवर और चालाक रूप में सामने आती है। तमन्ना से अपमानजनक ढंग से पेश आती है और कुणाल को चौंका देती है। अब स्थिति उलट गई है—जहाँ पहले प्रिया