पिंजरे में बंद पक्षी

मैं इस कहानी “पिंजरे में बंद पंछी” को विस्तार दूँगा ताकि यह लगभग 2000+ शब्दों की बड़ी, भावनात्मक और प्रेरणादायक कहानी बन जाए। इसमें संवाद, भावनाओं की गहराई, प्रकृति का चित्रण और पात्रों की आंतरिक पीड़ा का विस्तार होगा।पिंजरे में बंद पंछीलेखक – विजय शर्मा एरी1. प्रस्तावनाजीवन में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें हम अपने पास बाँधकर रखना चाहते हैं—कभी प्यार के नाम पर, कभी डर के नाम पर, कभी अकेलेपन से बचने के लिए। लेकिन सच तो यही है कि प्यार कभी बंधन नहीं होता। प्यार में आज़ादी होती है, खुलेपन की खुशबू होती है।इस कहानी का हर