अगरबत्ती की शिक्षा

 उसमें एक भावपूर्ण पत्र रखा था।पत्र में लिखा था –“बेटी! अगरबत्ती स्वयं जलती है, पर अपने चारों ओर सुगंध फैला देती है। इसी प्रकार, तुम्हें भी जीवन में चाहे जितनी कठिनाइयाँ आएँ, पर अपने धैर्य, मधुर व्यवहार और संस्कार से पूरे परिवार को सुख और प्रेम से भरना। कभी पति से मनमुटाव हो, कभी सास-ससुर या देवर-ननद से मतभेद हों, तब इस अगरबत्ती को याद करना और घर को सुगंधित बनाए रखना।”इस पत्र ने यह सन्देश दिया कि जीवन में वास्तविक उपहार धन-संपत्ति नहीं, बल्कि सही सोच और अच्छे संस्कार हैं। विवाह के बाद बहू का कर्तव्य है कि वह