आखिरी सफर - मगर हमेशा के लिए साथ

️ आख़िरी सफ़र – मगर हमेशा के लिए साथ ️कोर्ट की सीढ़ियाँ उतरते हुए उसकी आँखें भारी थीं। आज दस साल के रिश्ते को काग़ज़ के कुछ पन्नों ने खत्म कर दिया था।पति ने धीरे-धीरे कदम बढ़ाए और बाहर खड़ी एक ऑटो में बैठ गया। मन अंदर से खाली-सा हो चुका था।पर किस्मत का खेल देखिए – पीछे से वही महिला भी ऑटो में बैठ गई।वही महिला, जो कभी उसकी दुनिया थी… उसकी पत्नी रौनक।ऑटो चल पड़ा। दोनों एक-दूसरे के सामने चुप बैठे थे।माहौल इतना भारी था कि आवाज़ गले तक आकर रुक जा रही थी।पति ने कातर दृष्टि से