बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 50

चैप्टर 50 आज की रात सब पर भारी थी ,हर किसी के दिल में एक तूफान उठा हुआ था। किसी को अपनी अतीत बूला रही थी तो किसी को अपनी भविष्य की चिंता सता रही थी। हर किसी को किसी को खोने का डर सता रहा था। लेकिन सब इस बात से अनजान थे कि यह तो सिर्फ तूफान की शुरुआत थी, और अब उनकी जिंदगी की खुशियों का अंत।आज की गहरी काली अंधेरी रात में सिर्फ हवाओं का शोर हो रहा था।पूर्णिमा के चांद का भी चमक इस अंधेरी रात में फीका पढ़ चुका था।वनराज और रुचिता के कमरे में रुचिता रमन