कहानी: "सपनों का सफ़र"रामू एक छोटे से गाँव का लड़का था। उसका परिवार बहुत गरीब था। पिता खेतों में मजदूरी करते और माँ दूसरों के घरों में बर्तन मांजती थी। घर की हालत इतनी कमजोर थी कि पढ़ाई करना उसके लिए लगभग नामुमकिन लगता था। लेकिन रामू के दिल में एक सपना था—वह बड़ा होकर इंजीनियर बनेगा और अपने गाँव के बच्चों के लिए एक स्कूल बनाएगा।हर सुबह जब सूरज निकलता, रामू अपने पिता के साथ खेतों में जाता। वहाँ वह मजदूरी में हाथ तो बँटाता, लेकिन साथ ही मिट्टी पर लकड़ी से गणित के सवाल हल करता। कई बार