चित्तौड़ री गाथा

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मेवाड़ की धरती, इतिहास के उन पन्नों पर अंकित है जहाँ त्याग, बलिदान और स्वाभिमान की अनंत गाथाएँ सुनाई देती हैं। "चित्तौड़ री गाथा" मेरे द्वारा रचित दो प्रमुख काव्यों - "जौहर" और "महाराणा प्रताप: युगां सूं जळती एक ज्योत" - का संकलन है। 1. "जौहर" – जिसे मैंने 27 अगस्त 2017 को लिखा था। 2. "महाराणा प्रताप: युगां सूं जळती एक ज्योत" – यह कविता मेरी पुस्तक "प्रताप: अंतिम स्वाभिमानी" का अंतिम पृष्ठ है, जिसे मैंने महाराणा प्रताप को श्रद्धा