ओ मेरे हमसफर - 27

(प्रिया रियल एस्टेट में असफल हो रही है, तभी कुणाल उसकी कंपनी का ट्रेनर बनकर लौटता है और चालाकी से उसे घेर लेता है। ऑफिस में उसके नाम से बोर्ड देखकर प्रिया हैरान रह जाती है, लेकिन कुणाल इसे अपनी साज़िश का हिस्सा बनाता है। इस्तीफ़ा देने पर भी कॉन्ट्रैक्ट और जुर्माने की शर्त उसे रोक लेती है। ट्रेनिंग सेशन में कुणाल का आत्मविश्वास और प्रभाव देखकर प्रिया उलझन में पड़ जाती है—वह उससे नफ़रत भी करती है और खिंच भी जाती है। कहानी अब रहस्य, शक्ति संघर्ष और भावनात्मक टकराव की ओर बढ़ती है। अब आगे)प्रिया का बदला रूप अगले