=================== स्नेहिल नमस्कार मित्रो हर दिन प्रत्येक के जीवन में एक नई चुनौती आकर खड़ी हो जाती है, हम घबराने लगते हैं। बदलाव आना बड़ा स्वाभाविक है। कभी हम बड़े आनंद में होते हैं तो कभीअचानक ऐसी आपत्ति आ जाती है कि हम जीवन से ऊबने लगते हैं, घबराने लगते हैं। यह बदलाव जीवन की अटल सच्चाई है। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो इससे बचने का दावा कर सके। अपनी परिस्थितियों के लिए हम लोग अपने बॉस को, जीवनसाथी को, पड़ौसी को, राजनीति को, हालात को या अपनी किस्मत को दोष दे देते हैं। यानी कभी भी अपनी मनोदशा को