Episode 2: पहली हत्या और पहला clueसुबह का सूरज धुंध को धीरे-धीरे चीर रहा था। रात की ठंडी हवा अभी भी गलियों में ठहरी हुई थी, और हल्की-सी धूप पुराने पत्थरों पर बिखरी पड़ी थी। आरव मेहरा ने खिड़की से बाहर झाँका। उसकी आँखों के नीचे काले घेरे साफ़ झलक रहे थे। पिछली रात मंदिर में जो कुछ हुआ था, उसकी गूँज अब भी उसके दिमाग में तैर रही थी—वह रहस्यमयी फुसफुसाहट, झिलमिलाती रोशनी, और बंद हो चुका रास्ता।उसने सिर पकड़ा और खुद से कहा—“क्या यह सब सच था या मैं पागल हो रहा हूँ?”कमरे के कोने में बैठी नैना