जिंदगी एक सफऱ - 3

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जिंदगी एक सफऱ :3ज़िंदगी एक सफ़रअगले दिन शाम को अभिमन्यु और झंखना अहमदाबाद के एक शांत गार्डन में मिले। आसपास बच्चों का शोर था, लेकिन वे जैसे अपनी ही दुनिया में खो गए थे। कॉफी शॉप में थोड़ा संकोच था, लेकिन आज वह कम हो गया था। वे एक बेंच पर बैठे और बातें शुरू हुईं।उनकी बातचीत फिर से कॉलेज के दिनों पर आकर रुक गई।"याद है अभि, अर्चना और संजय... हमारे ग्रुप में थे? अर्चना हमेशा तुझे चिढ़ाती रहती थी," झंखना ने हंसते हुए कहा।अभिमन्यु भी हंस पड़ा। "हां, और तूने मुझे बचाने के लिए कैसा प्लान बनाया था?