2ज़िंदगी एक सफ़र, कॉफी शॉप से निकलने के बाद अभिमन्यु अपनी कार में बैठा, लेकिन उसका मन आज अपनी 'सह्याद्री फाइनान्स कंपनी के नए प्रोजेक्ट्स के बजाय अतीत में ही अटक गया था। उसने कार शुरू की और धीरे-धीरे चलाने लगा। उसके चेहरे पर एक अनोखी मुस्कान थी। उसने झंखना का नंबर अपने फोन में सेव किया। 21 साल के लंबे अंतराल के बाद, झंखना से फिर मिलने की खुशी उसके दिल को सुकून दे रही थी।दूसरी ओर, झंखना भी घर पहुंच चुकी थी। उसका पति अभी नहीं आया था। वह सोफे पर बैठी और अपने विचारों में खो गई। अभिमन्यु