रात की चीख: एक शेरनी का उदय

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रात का अंधेरा साँसों को दबा रहा था। सड़क पर सिर्फ़ टिमटिमाती स्ट्रीटलाइट्स और हवा की सायं-सायं। आरोही, 23 साल की, एक छोटे से शहर की लड़की, जो अपने सपनों को पंख देने मुंबई आई थी। वो एक स्टार्टअप में काम करती थी और आज देर रात तक ऑफिस में रुकी थी। घड़ी 11 बजा रही थी। उसका अपार्टमेंट कुछ गलियों दूर था। बैग में लैपटॉप, एक पेन, और एक छोटा सा पेपर-कटर। आरोही तेज़ कदमों से चल रही थी, लेकिन मन में वो डर था—हर लड़की का डर, जो रात में अकेले चलते वक्त साये की तरह साथ चलता