नीलम कुलश्रेष्ठ शाहजहाँपुर की नवाबी कल्चर, रामपुर का मतकटा [ बेवकूफ़ ] शब्द, बदायुँ की भूत उतारने वाली कोतवाल साब की मजार की याद के साथ सिर पर सफ़ेद कढ़ाई की गोल लखनवी टोपी पहने, लखनवी कुर्ते की जेब में धागे का गोला लिये हाथ से क्रोशिया लेस बुनते शब्बन मियां भी जैसे दिमाग़ के किसी तंतु से हमेशा के लिये एक धागे से लिपटे हुये हैं। हुआ ये था कि तीसरी कक्षा की परीक्षा के बाद की गर्मियों की छुट्टियों में मैं नाना जी के साथ डॉक्टर मौसी के पास बदायूँ चली गई थी। सुबह हम तीनों के