पिछली कहानी में हमने पढा कि आयांशी कुछ पेपर्स लेकर राजपूत विला आती हैं। बाद में उसे पता चलता हैं कि वो पेपर्स सम्राट ने मंगवाए थे।अब आगे.......... आयांशी डरती हुई सीढ़ियों पर चढ़ती हैं और मन ही मन प्रार्थना कर रही होती हैं कि आज कुछ गड़बड़ ना हो। तब वो सम्राट के कमरे के बाहर जाकर खड़ी हो जाती हैं। वो दरवाजा नोक करना चाहती थी पर वो मन ही मन बहुत डर रही होती हैं। वो थोड़ी हिम्मत जुटाती हैं और दरवाजा नोक करती हैं। पर अंदर से कोई जवाब नहीं आता हैं। तब वो वापिस