गुनाहों की सजा - भाग 18

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नताशा की बात सुनकर वरुण ने मुस्कुरा कर व्यंग्य भरे लहजे में कहा, "लेकिन अब तो तुमने शादी कर ली है। अब उसका शोक मनाने से कोई फायदा नहीं है। तुम्हें मुझे जितना कोसना हो, कोसती रहो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। नताशा, तुम यदि अपने परिवार से इतना ही प्यार करती हो, तो उन्हें जेल जाने से बचा लो। सिर्फ़ मकान ही तो हाथ से जाएगा, पर यदि इज़्ज़त चली गई, तो बड़ी बदनामी हो जाएगी। तुम्हारे भैया से कहना मेहनत करके ख़ुद कमा लें। मेरा क्या, मैं तो अकेला मस्त मौला हूँ। वैसे भी मैं ज़्यादा कुछ कहाँ