मैनह्यूज़ चेयर का शाप

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उत्तराखंड की पहाड़ियों के बीच बसा कस्बा था – देवलोक घाटी।यहाँ हरियाली, मंदिर और पुरानी हवेलियाँ थीं। लेकिन घाटी के बीचों-बीच खड़ी थी एक उजड़ी हवेली – चौहान हवेली।लोग कहते थे कि इस हवेली में रखी एक पुरानी लकड़ी की कुर्सी, जिसे “मैनह्यूज़ चेयर” कहा जाता है, इंसानी आत्माओं को निगल जाती है।गाँव वाले उस हवेली की तरफ न जाते थे। रात में वहाँ से अक्सर चीखें और हँसी सुनाई देती थी।---पात्रअभिमन्यु राठौर – दिल्ली का पत्रकार, सच की खोज में निडर।कियारा मिश्रा – मुंबई की फोटोग्राफ़र, रहस्यमयी कहानियों की शौक़ीन।विवान कपूर – डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर, तर्कवादी लेकिन अंदर से अंधविश्वास