राक्षवन - 2

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अजय पीछे हटने लगा लेकिन परछाईयां और तेज़ी से पास आने लगीं हर परछाई का चेहरा उसका ही था मानो समय की हर शक्ल उस पर टूट पडी हो वह चीख़ पड़ा तुम मुझसे क्या चाहते हो सभी परछाईयां एक साथ बोलीं  सच।।। नीली रोशनी अचानक लाल हो गईं अजय का दिल ज़ोर से धड़क रहा था तभी वहीं धुंधली आकृति प्रकट हुईं उसने हाथ उठा कर परछाई को रोका अजय वह बोलीं ये सब तेरे अलग-अलग समय के रुप है अगर तु सच जानना चाहते हैं तो इन परछाईयां को स्वीकार कर लेकिन याद रख हर सच की कीमत होती