त्रिशूलगढ़: काल का अभिशाप - 11

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पिछली बार:अनिरुद्ध ने सुनहरी तलवार से हमला तो कर दिया, लेकिन हर वार छाया के स्वामी को और ताकतवर बना रहा था।अब उसकी शक्ति धीरे-धीरे अंधकार में बदल रही है।क्या वो खुद अपनी हार का कारण बन जाएगा?अंदर की लड़ाईअनिरुद्ध का हाथ काँप रहा था।उसकी हथेली से निकली सुनहरी आग अब काले धुएँ में घुलती जा रही थी।उसके पूरे शरीर से जैसे ताक़त निकलती जा रही थी।उसने खुद से कहा,"नहीं… मैं हार नहीं सकता।लेकिन… ये क्या हो रहा है? मेरी ताकत ही इसे मजबूत क्यों कर रही है?"अद्रिका उसकी तरफ झुकी,"अनिरुद्ध! अपनी साँस पर ध्यान दो।जो शक्ति बाहर निकल रही