अधूरे सपनों की चादर - 10

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अध्याय 10 – उमंगों की उड़ान और आत्मसम्मान का जन्मछठी कक्षा का समय तनु के जीवन का बिल्कुल नया पड़ाव था। अब तक वह अपने आपको बस एक साधारण सी लड़की मानती थी, लेकिन जैसे ही उसने इस कक्षा में कदम रखा, उसके भीतर कुछ बदलने लगा। पढ़ाई का उत्साह, प्रतियोगिताओं में भाग लेने का जोश और नई-नई जिम्मेदारियाँ उसे हर दिन और आत्मविश्वासी बनाती जा रही थीं।कक्षा में अब वह सबसे आगे बैठने लगी। पहले वह पीछे बैठकर बस पढ़ाई में ध्यान देती थी, पर अब उसे हर प्रश्न का उत्तर देने की आदत हो गई थी। अध्यापक जब