ठीक है जी ---अस्पताल से मिली प्रेरणा ️ लेखक – विजय शर्मा एरी1. दर्द की सुबहअनुज 25 साल का एक युवा था। खेलकूद में तेज़, पढ़ाई में अच्छा और सपनों से भरा हुआ। लेकिन ज़िंदगी ने एक दिन अचानक करवट बदली। एक सड़क दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे शहर के बड़े अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।जब होश आया तो सामने सफ़ेद दीवारें, छत से लटकता पंखा और चारों ओर इंजेक्शन, दवाइयों की महक थी। अनुज ने पहली बार सोचा –“क्या मेरी ज़िंदगी यहीं चारदीवारी में सिमट जाएगी?”2. अस्पताल की दुनियाशुरुआती दिनों में अनुज बहुत परेशान रहा।