एक मछुआरे का सबक

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एक मछुआरे का सबकएक बहुत ही शांत और सुंदर गांव था जो एक बड़ी नदी के किनारे बसा था। इस गाँव में, एक बूढ़ा मछुआरा रहता था, जिसका नाम था रामू। रामू अपनी पूरी ज़िंदगी मछली पकड़कर और उन्हें बेचकर गुज़ारता था। उसकी नाव पुरानी थी और उसके जाल भी जगह-जगह से फटे हुए थे, लेकिन वह अपनी मेहनत पर यकीन रखता था।गाँव में एक नया नौजवान आया, जिसका नाम था राजू। राजू शहर से आया था और वह बहुत ही आधुनिक सोच का था। उसके पास एक चमचमाती हुई नाव थी और सबसे अच्छे, मज़बूत जाल थे। वह रामू