सुई से सितारों तक

  • 339
  • 114

पहला भाग : बचपन और संघर्षसीन 1 – कस्बे का छोटा घर(बारिश हो रही है, घर की छत से पानी टपक रहा है। माँ चूल्हे पर रोटी बना रही है, बाप थका-हारा मजदूरी से लौटता है। छोटी अनन्या (10 साल) अपनी गुड़िया के कपड़े सिल रही है।)माँ (थकी हुई आवाज़ में):“बिटिया, तू ये सुई-धागे से कब तक खेलती रहेगी? पहले पढ़ाई पर ध्यान दे।”अनन्या (मुस्कुराकर):“माँ, एक दिन मैं इतने सुंदर कपड़े बनाऊँगी कि सब मुझे याद करेंगे।”(पिता खामोश होकर अनन्या को देखता है। आँखों में थकान, लेकिन मन में उम्मीद।)---दूसरा भाग : टेलरिंग की शुरुआतसीन 2 – लेडीज़ टेलर शॉप(16