कहानी: "सच्चाई कबूल करने की हिम्मत"(सच्ची घटना: गांधी जी के बचपन की)जब मोहनदास गांधी (बचपन में गांधी जी का नाम) छोटे थे, तो वे बहुत सीधे-सादे और विनम्र स्वभाव के थे। एक बार उन्होंने अपने पिताजी की जेब से थोड़े पैसे चुराकर मिठाई खा ली।(रात में गांधी जी बेचैन थे)उनका मन बहुत परेशान था। उन्होंने एक चिट्ठी लिखी और अपने पिता को दे दी।चिट्ठी में लिखा था:"पिताजी, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। मैंने आपकी जेब से पैसे निकाले और मिठाई खाई। मुझे माफ़ कर दीजिए। मैं बहुत शर्मिंदा हूँ।"जब उनके पिता ने चिट्ठी पढ़ी, तो उनकी आँखों में आँसू