दूर घाटी में वो बस्ती देख रहे न साहब वही पे मेरा घर था वही मेरा बाप चाय के बागान में काम किया करता था, बहुत हसमुख इंसान था मेरा बाप सारे वर्कर उसकी बहुत इज़्ज़त किया करते थे यूनियन का बड़ा लीडर था न, बहुत मददगार इंसान था मेरा बाप, मेरे बाप से मुझे बहुत मुहब्बत मिली साहब बहुत मुहब्बत, सामने उस पेड़ पर वो मोटी सी रस्सी का झूला और नन्हा सा मै मेरा बाप उस झूले पर बैठा कर ऐसे ज़ोरदार पैगे मारता ऐसे ज़ोरदार पेंगे मारता झूला ऊपर ऊपर और ऊपर जब झूला नीचे आता है न