पिछली बार:अनिरुद्ध ने अपने ही अंधकारमय रूप को हराकर सुनहरी शक्ति जाग्रत की।लेकिन अद्रिका ने बताया — असली शत्रु तो अभी सामने ही नहीं आया।---रात का रहस्यचाँदनी रात थी।अनिरुद्ध और अद्रिका एक पुराने किले की ओर बढ़ रहे थे, जो सदियों से खंडहर था।कहा जाता था, वहाँ वो शक्ति छिपी है जिसने पूरे वंश को श्रापित किया था।जैसे ही वो किले के भीतर पहुँचे, हवा भारी हो गई।दीवारों पर काले निशान थे, जैसे किसी ने आग से उन्हें जला दिया हो।एक गहरी गूँज सुनाई दी —"तो आखिरकार वंशज मेरे दरवाज़े तक आ ही गया।"अनिरुद्ध का दिल जोर से धड़कने लगा।उसने