अदृश्य त्याग अर्द्धांगिनी - 2

  • 531
  • 207

प्रेमिका से पत्नी बनने का द्वंद्व: एक अंतहीन चक्रयह कैसी विडंबना है कि जो पद (पत्नी) एक स्त्री द्वारा अक्सर आलोचना का पात्र बनता है, उसी को पाने के लिए एक अन्य स्त्री (प्रेमिका) किसी मौजूदा पत्नी को बदनाम करने से भी नहीं हिचकती। वह अपनी तुलना एक पत्नी से करती है, यह दावा करते हुए कि उसका प्रेम श्रेष्ठ और निस्वार्थ है, जबकि पत्नी का प्रेम अपने पति के प्रति केवल स्वार्थ से भरा होता है। या शायद यह प्रेमिका अपने भविष्य के ताने-बाने बुन रही होती है।प्रेमिका जब बनती है पत्नी...परंतु, जब यही प्रेमिका एक दिन पत्नी बन