सम्राट- अपने सच से अनजान - 12

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पिछली कहानी में हमने पढा़ कि आयांशी सम्राट से जैसे-तैसे बचकर नीचे हॉल में आती है कि तभी प्रीत उसे किसी से मिलने के लिए बुलाती हैं।अब आगे.........   प्रीत आयांशी से बोलती है कि चल मैं तुझे किसी खास इंसान से मिलवाती हूँऔर वो आयांशी का हाथ पकड़कर अपने साथ ले जाती हैं। प्रीत आयांशी को एक 40 साल के हठ्ठे-कठ्ठे आदमी के सामने ले जाती है। और आयांशी से बोलती हैं- आयांशी, ये है मेरे मामाजी Mr. सूर्यप्रतात सिंह। जिस कॉलेज में हमने एड़मिशन लिया है ये उस कॉलेज के Charity member हैं। और मामाजी ये है मेरी फ्रेन्ड़ आयांशी।आयांशी- नमस्ते