अपना आशियाँ

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सपनों से सजा अपना आशियाँ… यही तो हर इंसान की ख्वाहिश होती है। चाहे वह अमीर हो या गरीब, जवान हो या बूढ़ा—दिल में कहीं न कहीं यह सपना जरूर पलता है कि उसका भी एक अपना घर हो। घर छोटा हो या बड़ा, मायने यह नहीं रखता, असली मायने रखते हैं उसमें बसे रिश्ते और उसमें घुला प्यार। यह सपना सिर्फ़ इंसान तक सीमित नहीं है। प्रकृति का हर जीव अपने घर को सबसे प्यारा मानता है। एक चिड़िया को देखो, वह तिनका-तिनका जोड़कर दिन-रात मेहनत करती है ताकि अपने बच्चों के लिए सुरक्षित घोंसला बना सके। चींटियाँ कतार