जीना ही ईश्वर है कोई युवा, कोई वृद्ध, कोई भी वास्तव में जी नहीं रहा है।सब भाग रहे हैं—कभी भविष्य की ओर, कभी भूत की यादों में।जिन वही है, जो जीता है।जीना मतलब—ठहरना, देखना, बोध करना,आनन्द महसूस करना,प्रेम और प्रसन्नता में रहना।गंभीरता से मुक्त रहना।आज का मनुष्य या तोस्वप्न की दौड़ में है,या धार्मिक भूतकाल की कहानियों में उलझा है।कोई भविष्य के स्वर्ग का सपना बुन रहा है,कोई धन को जीवन मान बैठा है।कोई दुर्ग-सा शहर रच रहा है,कोई चींटी-सा संग्रह कर रहा है।लेकिन जीवन न तो केवल भविष्य है, न केवल भूत।जीवन तभी है, जब ऊर्जा भीतर सुरक्षित रहे।ऊर्जा