अध्याय 1: कोई भी खास नहीं हैआप सोचते हैं कि आप एक खास इंसान हैं और कुछ बड़ा करने के लिए पैदा हुए हैं? यह सिर्फ एक भ्रम है। इस दुनिया में हर रोज़ लाखों लोग पैदा होते हैं, जीते हैं और मर जाते हैं। आप भी उनमें से बस एक हैं। आपके सपने, आपकी आकांक्षाएं, सब बस आपकी अपनी सोच है। जब आप अपनी आखिरी सांस लेंगे, तो दुनिया वैसी की वैसी ही चलती रहेगी। कोई आपको याद नहीं रखेगाअध्याय 2: मेहनत बेमानी हैआपने सुना है कि "मेहनत का फल मीठा होता है"? यह सिर्फ एक दिलासा है। असलियत