तन्हा सफ़र: जज़्बातों की छांव में भीगा इश्क़ - 15

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                           भाग:15                         रचना: बाबुल हक़ अंसारी              “खून का आख़िरी फ़ैसला”.   [लहू की जंग…]छुरा गिरते ही प्लेटफ़ॉर्म पर खून की लकीर खिंच गई।रिया की साँसें थम गईं, उसकी आँखें फटी रह गईं।रूद्र खून से सना खड़ा था, उसकी हंसी गूंज रही थी —“देखा! इश्क़ सिर्फ़ दर्द देता है।तेरे अयान को बचाकर भी तेरा क्या हुआ, रिया? फिर से मौत ने उसे छीन लिया।”लेकिन तभी अयान ने काँपते हुए हाथ से छुरा थाम लिया।उसकी